Success Story: ड्राइवर बना मालिक, शुरू किया खेती से जुड़ा ये बिजनेस, अब हो रहा है लाखों का मुनाफा
Success Story: सरकार किसानों को सस्ती दरों पर एग्री मशीनें उपलब्ध करवाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने का मौका देती है. इसके लिए सरकार कृषि यंत्र और उपकरणों पर सब्सिडी भी देती है.
सरकार कृषि यंत्र और उपकरणों पर अनुदान भी दे रही है. (File Photo)
सरकार कृषि यंत्र और उपकरणों पर अनुदान भी दे रही है. (File Photo)
Success Story: सरकार परंपरागत खेती के तरीके में बदलाव लाते हुए किसानों को एग्री मशीनों और नई एग्री तकनीकों से जोड़ रही है, ताकि कम मेहनत में ज्यादा फसल का उत्पादन से कमाई बढ़ सके. लेकिन एग्रीकल्चर मशीनरी इतने महंगे होते हैं कि छोटे और सीमांत किसान इन्हें नहीं खरीद पाते हैं. किसानों को सस्ती दरों पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए किरण तानाजी मोरे ने कस्टम हायरिंग सेंटर (Custom Hiring Centres) शुरू किया. एक समय ड्राइवर की नौकरी करने वाले मोरे आज खुद मालिक बन गए हैं.
ट्रेनिंग के दौरान मिला बिजनेस आइडिया
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के रहने वाले किरण तानाजी मोरे एग्रीकल्चर में डिप्लोमा होल्डर हैं और वे कोल्हापुर जिले के कोगे गांव से हैं और वो 12 एकड़ जमीन के मालिक हैं. परंपरागत रूप से वे गन्ना (Sugarcane), मक्का (Maize), दाल (Pulses), सब्जी (Vegetables) आदि की खेती कर रहे थे.
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उसने कृष्णा वैली एडवांस्ड एग्रीकल्चर फाउंडेशन, उत्तरूर द्वारा उद्यमिता कौशल योजना एग्री-क्लीनिक और एग्री-बिजनेस सेंटर पर आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम भाग लिया. उन्हें यह योजना अच्छी और ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल हुए. एक दिन क्लास में कस्टम हायरिंग सेंटर पर सेशन कराया गया. किरण इससे प्रभावित हुए और उसने कस्टम हायरिंग सेंटर शुरू करने का फैसला किया.
12 लाख के निवेश से शुरू हुआ कस्टम हायरिंग सेंटर
किरण ने 12 लाख रुपये के निवेश से कस्टम हायरिंग सेंटर शुरू किया. उन्होंने 8 लाख रुपये से लोन लिया और बाकी खुद से लगाए. शुरुआत में उन्होंने एक रिवर्सिबल MB plough (2 बॉटम), फ्रंट डोजर ब्लेड, रोटावेटर (1.8 मीटर), डिस्क हैरो (14 डिस्क) के साथ 55 एचपी का ट्रैक्टर खरीदा.
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उन्होंने इन मशीनों को लगभग 200 किसानों को अपने गांव के लगभग 2000 एकड़ और आसपास के गांवों में सोयाबीन, धान, मक्का, दालों के साथ-साथ सब्जियों आदि की खेती के लिए किराए पर दिया. किरण कस्टम हायरिंग सेंटर सालाना 10 लाख रुपये का कारोबार कर रहे हैं.
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04:47 PM IST